Navel button : नाभि कुदरत की एक अद्भुत देन है !!
एक 62 वर्ष के बुजुर्ग को अचानक बांई आँख से कम दिखना शुरू हो गया। खासकर रात को नजर न के बराबर होने लगी। जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनकी आँखे ठीक है परंतु बांई आँख की रक्त नलीयाँ सूख रही है। रिपोर्ट में यह सामने आया कि अब वो जीवन भर देख नहीं पायेंगे।…. मित्रो यह सम्भव नहीं है..
हमारा शरीर परमात्मा की अद्भुत देन है…गर्भ की उत्पत्ति नाभि के पीछे होती है और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से पोषण मिलता है और इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभि गर्म रहती है।गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात 270 दिन बाद एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है। नाभि के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ होता है। इसलिए नाभि एक अद्भुत भाग है। नाभि के पीछे की ओर पेचूटी या navel button होता है। जिसमें 72000 से भी अधिक रक्त धमनियां स्थित होती है
नाभि में गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है कुछ फायदे निम्न है –
1. आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये उपाय…
सोने से पहले 3 से 7 बूँदें शुध्द घी और नारियल के तेल नाभि में डालें और नाभि के आसपास डेढ ईंच गोलाई में फैला देवें। रात में नाभि में तेल लगाने से आपकी त्वचा सुखी और परतदार नहीं रहती हैं सरसों का तेल नाभि पर लगाने से घुटने के दर्द में राहत मिलती है।
2. घुटने के दर्द में उपाय
सोने से पहले तीन से सात बूंद अरंडी का तेल नाभि में डालें और उसके आसपास डेढ ईंच में फैला देवें। क्योंकि नाभि हमारे शरीर का केंद्र बिंदु होता हैं सारी नशे इससे जुड़ी है और सभी में संचार नाभि से होता रहता है।
3. शरीर में कमपन्न तथा जोड़ोँ में दर्द और शुष्क त्वचा के लिए उपाय :-
रात को सोने से पहले तीन से सात बूंद राई या सरसों का तेल नाभि Navel button में डालें और उसके चारों ओर डेढ ईंच में फैला देवें। ऐसा आप लगभग एक माह तक करके देखें फिर आप खुद ही इसका रिजल्ट हमें बताएंगे। हम घर पर ही कुछ घरेलू उपाय करके स्वस्थ्य जीवन जी सकते है, इन सभी नुस्खों का कोई भी साइडइफेक्ट भी नहीं होता है और लाभ भी बहुत है ।
नाभि (Navel button) में सरसों के तेल की दो बूंदें नियमित सोने से पहले डालें, ऐसा करने से आपको जोड़ो में होने वाले दर्द की समस्या से निजात मिलता है.
4. मुँह और गाल पर होने वाले पिम्पल के लिए उपाय:-
नीम का तेल तीन से सात बूंद नाभि में उपरोक्त तरीके से डालें। नाभि में तेल डालने का कारण हमारी नाभि को मालूम रहता है कि हमारी कौनसी रक्तवाहिनी सूख रही है,
इसलिए वो उसी धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है।जब बालक छोटा होता है और उसका पेट दुखता है तब हम हिंग और पानी या तैल का मिश्रण उसके पेट और नाभि के आसपास लगाते थे और उसका दर्द तुरंत गायब हो जाता था। बस यही काम है तेल का। ये कुछ घरेलू उपाय है जो आम जिंदगी में सभी के काम आते है ।
नाभि में सरसों के तेल के प्रयोग से घुटनों के दर्द और गठिया रोगों में भी राहत मिलती है.
नाभि पर सरसो तेल लगाने से हमारे चेहरे की रंगत बढ़ जाती है, इसलिए आपको रोजाना नाभि पर सरसो तेल लगाना चाहिए।
-नाभि पर सरसो तेल लगाने से पिंपल्स और दाग-धब्बे ठीक होते है।-नाभि पर सरसो तेल लगाने से हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।-
नाभि में तेल लगाने से पेट का दर्द कम होता है।-इससे अपच, फ़ूड पॉइजनिंग, दस्त, मतली जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है।-इस तरह की समस्याओं के लिए पिपरमिंट आइल और जिंजर आइल को किसी अन्य तेल के साथ पतला करके नाभि में लगाना चाहिए।-
अगर आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं तो आपको नीम के तेल को नाभि में लगाना चाहिए। इससे आपके कील-मुहांसे दूर होने लगेंगे।-अगर आपके चेहरे पर कई तरह के दाग की समस्या है तो नीम का तेल नाभि में डालने से ये दाग दूर होंगे।
नाभि में लेमन आयल लगाने से भी दाग धब्बे भी दूर होते हैं।-नाभि प्रजनन तंत्र से जुड़ी हुई होती है। इसलिए नाभि में तेल लगाने से प्रजनन क्षमता विकसित होती है।- कोकोनट या ऑलिव आइल को नाभि में लगाने से महिलाओं के हार्मोन संतुलित होते हैं और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।-
नाभि में तेल लगाने से पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की वृद्धि और सुरक्षा होती है।- माहवारी से संबंधित समस्याओं से आजकल हर दूसरी-तीसरी महिला ग्रस्त मिलती है। अगर पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द हो तो रूई के फाहे में थोड़ी सी ब्रांडी लगाकर नाभि में लगाने से ये दर्द तुरंत दूर हो जाता है।
Disclaimer:
लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।