सुनीता विलियम्स की कहानी इतिहास में दर्ज़ हुई 2025

सुनीता विलियम्स की कहानी इतिहास में दर्ज़ हुई 2025

Sunita Williams: सुनीता विलियम्स की कहानी 2025 में इतिहास में दर्ज हो गई जब वह 9 महीने बाद स्पेस से सुरक्षित बापिस आ गई।

सुनीता विलियम्स की कहानी

सुनीता विलियम्स एक भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने दो बार अंतरिक्ष की यात्रा की है और कई रिकॉर्ड बनाए हैं। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहियो में हुआ था। उनके पिता दीपक पांड्या भारतीय मूल के हैं, जबकि उनकी मां बोनी पांड्या स्लोवेनियाई मूल की हैं।

बचपन और शिक्षा

सुनीता ने अपनी स्कूली शिक्षा यूनाइटेड स्टेट्स नेवल एकेडमी से की, जहाँ उन्होंने भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री की।

नासा में करियर

1998 में उनका चयन नासा में हुआ। उन्होंने 2006 में पहली बार अंतरिक्ष की यात्रा की। वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 195 दिन बिताने वाली पहली महिला बनीं। 2012 में उन्होंने दूसरी बार अंतरिक्ष की यात्रा की और स्पेसवॉक के कई रिकॉर्ड बनाए।

सुनीता विलियम्स

रोचक तथ्य :

सुनीता भगवद गीता और गणेश की मूर्ति अंतरिक्ष में ले गई थीं।
उन्होंने अंतरिक्ष में मैराथन भी दौड़ी।
वे अंतरिक्ष में चलने वाली दुनिया की कुछ महिलाओं में से एक हैं।
वे भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई हैं।
नवीनतम अपडेट
वे अब नासा के नए “स्टारलाइनर” मिशन का हिस्सा हैं ,
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सुनीता विलियम्स(Sunita Williams) ने 1993 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम में शामिल हुईं और 1998 में अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान भरी। उन्होंने अंतरिक्ष शटल डिस्कवरी पर उड़ान भरी और अंतरिक्ष स्टेशन मिर पर भी काम किया।

सुनीता विलियम्स(Sunita Williams) एक प्रेरणादायक महिला हैं जिन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है। वह महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक रोल मॉडल हैं।

कौन है सुनीता विलियम्स और भारत से क्या संबंध है ?

सुनीता विलियम्स धरती पर लौटी

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