सागर:- कुत्तों का आतंक इतना ज्यादा है कि महज़ 20 दिनों में लगभग 900 से ज्यादा मामले सागर जिले में कुत्तों के काटने के आए हुए हैं , अगर हम केवल शहरी क्षेत्र की बात करें तो कुल मिलाकर छोटे-बड़े 250 से ज्यादा मामले आ चुके हैं , यह मामले केवल सागर शहर के शहरी क्षेत्र के हैं कुत्तों का आतंक इतना ज्यादा है कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर भी इन से त्रस्त हो गए हैं और इसके विरोध में कैंडल मार्च निकल रहे , चलिए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है
- 1. मध्यप्रदेश के सागर में बड़ा कुत्तों का आतंक
- 2.सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के गेट पर जलाए मोमबत्ती।
- 3. पार्षद की बेटी भी हुई कुत्तों के आतंक का शिकार
- 4. कुत्तों के काटने पर क्या करें और क्या ना करें।
- 5. डाक्टर ने नगर निगम के खिलाफ़ शिकायत करने की बात कही
- 6. कुत्तों से बचाव के लिए किया टोना टोटका
1. मध्यप्रदेश के सागर में बड़ा कुत्तों का आतंक
आजकल कुत्ते पालना एक शौक बन गया है चाहे वह गरीब हो चाहे अमीर, सब कोई कुत्ते पालने का शौक किए हुए हैं परंतु क्या आप जानते हैं कि आपके कुत्ते पालने से व कुत्तों के आवारा घूमने से लोगों को कितना नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, ऐसा ही एक मुद्दा अभी सामने आया हुआ है,
जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के सागर जिले की जहां पर बीते कुछ दिनों से आवारा कुत्तों का आतंक नाक में दम किए हुए है, जिससे न केवल आमजन मानस त्रस्त है, बल्कि (बीएमसी) बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के डॉक्टर भी त्रस्त हो गए हैं अगर हम कुत्तों से होने वाले नुकसान की बात करें तो अभी तक कुल 901 मामले आवारा कुत्तों के काटने से आए हुए हैं । यह मामले न केवल सागर शहर के है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुत्तों ने कहर बरपाया हैं।
2.सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के गेट पर जलाए मोमबत्ती
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज परिसर के गेट पर मंगलवार की शाम को मेडिकल के सभी स्टाफ और डॉक्टर इकट्ठा हुए उनके हाथों में जलती हुई मोमबत्तियां थी रास्ते से गुजर रहे लोग भी इस दृश्य को बखूबी देख रहे थे लोग समझ रहे थे कि डॉक्टर अपनी किसी मांग को पूरा करवाने के लिए केंडिल मार्च निकाल रहे हैं जबकि जानकारी का पता लगा तो लोग दंग रह गए ।
लोगों को जानकारी लगी कि डॉक्टरो का यह प्रदर्शन आवारा कुत्तों के आतंक के विरोध में था, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मेडिकल के डॉक्टर ने अपना दर्द बयान करते हुए बताया कि इन दिनों मेडिकल कॉलेज परिसर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है जिससे कॉलेज कैंपस में रहने वाले डॉक्टरों के परिजन भयभीत हैं इन कुत्तों के आतंक से उनके बच्चे भी भयभीत है । न केवल मेडिकल कॉलेज परिसर बल्कि मेडिकल अस्पताल तक में कुत्ते बेखौफ घूमते रहते हैं जिससे यहां भय का माहौल है क्योंकि यह कुत्ते मौका मिलते ही कब किसी भी इंसान को काट लें इसकी कोई गारंटी नहीं है ।
डॉक्टर सर्वेश जैन ने कहा कि उन्हें जितना डर चीन और पाकिस्तान से नहीं लगता उससे कई ज्यादा डर, आवारा कुत्तों से लगता है उन्होंने कहा कुछ नेताओं ने पशु क्रूरता अधिनियम में ऐसी धाराएं जोड़ दी है कि अब कुत्ता हमें काट सकता है लेकिन हम उसे छड़ी मार कर भगा भी नहीं सकते डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने इन समस्याओं को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को अनेकों बार अवगत कराया लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला तब मजबूरन उन्हें यह केंडिल मार्च निकालने का तरीका अपनाना पड़ा , उन्होंने शासन प्रशासन से आवारा कुत्तों की इस समस्या को हल करने की मांग की है ।
3. पार्षद की बेटी और पार्षद भी हुई कुत्तों के आतंक का शिकार
संत रविदास वार्ड की पार्षद रानी अहिरवार और उनकी बेटी भी कुत्तों के आतंक का शिकार हो गई है कुछ दिन पहले पार्षद रानी अहिरवार जी को भी आवारा कुत्ते ने काट दिया था , इसके बावजूद भी नगर निगम कोई खास कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है । कुत्तों के काटने का यह आंकड़ा केवल सागर शहर में लगभग 250 पार कर चुका है, और पूरे सागर जिले की बात करें तू 900 के पार मामले पहुंच गए हैं । ऐसे में सख्त कदम उठाना बहुत ही जरूरी है। अगर हम सूत्रों की माने तो कुछ ही दिनों बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सागर आने वाले हैं जहां पर डॉक्टर इस मामले की शिकायत भी कर सकते हैं।
4. कुत्तों के काटने पर क्या करें
अगर आपको या आपके संबंधित किसी व्यक्ति विशेष को कुत्ता काट ले तो उसे हल्के में ना लें क्योंकि कभी-कभी यह जानलेवा भी हो सकता है अगर कुत्ते ने काटा है तो 8 घंटे के अंदर एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाना अति आवश्यक है। इसको लेकर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर रमेश पांडे ने बताया कि रेबीज संक्रमण बहुत खतरनाक होता है कभी-कभी इसके लक्षण दो चार या 10 साल बाद भी नजर आते हैं इसलिए उसका शेड्यूल जीरो होता है यानि पहले दिन ही एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाना चाहिए बाद में लगाने से उसका असर नहीं होता कुत्ते के काटने के बाद आप जितनी जल्दी अस्पताल पहुंच सके उतनी जल्दी एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए घाव के सीधे संपर्क में आने से संक्रमण फैलता है।
कुत्ते की काटने पर इन बातों का ध्यान रखें
सबसे पहले घाव को धोने के लिए हल्के गुनगुने पानी और साबुन का प्रयोग करें साफ कपड़े की मदद से रक्तस्राव मतलब रक्त के बहाव को कम करने की कोशिश करें यदि आपके पास एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे लगाएं , प्राथमिक घरेलू उपाय के बाद तुरंत डॉक्टर से मिले डॉक्टर की सलाह से एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाए ।कुत्ते के काटने के बाद कुछ लक्षण इस प्रकार नजर आते हैं जैसे लालिमा होना सूजन,दर्द, बुखार आदि पर विशेष ध्यान दें।
5. डाक्टर ने नगर निगम के खिलाफ़ शिकायत करने की बात कही
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के डॉक्टरो ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पशु क्रूरता अधिनियम को इतना सख्त न बनाएं कि उसका बहाना लेकर स्थानीय प्रशासन आम आदमी को कुत्तों के हवाले छोड़ दे, डॉक्टर ने कहा कि मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव और नगरी निकाय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के सागर आने पर उन से व्यक्तिगत मुलाकात कर नगर निगम की शिकायत करेंगे विरोध प्रदर्शन में डॉक्टर डीके पिप्पल ,डॉक्टर अरुण सराफ, डॉक्टर रविकांत अरजरिया, सचिन तलरेजा, सोनू पटेल , डॉक्टर अखिलेश रत्नाकर समेत महिला बच्चे और नर्सिंग के विद्यार्थियों द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया।
6. कुत्तों से बचाव के लिए किया टोना टोटका
नगर निगम और नगर पालिका आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने में नाकाम है नगर निगम सागर ने आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए बजट में करीब आठ लाख का प्रावधान रखा है लेकिन जमीनी हकीकत जाने तो समस्या का अभी तक कोई भी निदान नजर नहीं आया है ऐसे में समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय लोगों ने देसी जुगाड़ अपनाया है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे देश में अंधविश्वास इस कदर फैला हुआ है कि कोई भी काम हो वह अंधविश्वास फैलाए बिना पूरा हो ही नहीं सकता, चाहे वह कोरोना महामारी के समय बर्तन बजाना हो या घर के बाहर दीप जलाकर कोरोना भागना हो ।
ऐसा ही एक नजार कुत्तों से बचने के लिए मध्य प्रदेश के सागर जिले में नजर आया है जहां पर लोगों ने अपने घर एवं दुकानों के बाहर बोतलों में लाल रंग भरकर टांग दिया लोगों की मानें तो इससे आवारा कुत्ते उनके घर एवं दुकानों की आसपास नहीं नजर आएंगे हालांकि अगर हम इसको वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो इसमें कोई भी तर्कसंगत बात नहीं है और अगर हम आध्यात्मिक की दृष्टि से देखें तो अध्यात्म में इस प्रकार के किसी भी टोने टोटके के लिए नहीं कहा गया है यह लोगों के अपने मन माने आचरण होते हैं।
भारत खबर फास्ट आपको इस प्रकार के किसी भी टोने टोटके को करने के लिए नहीं कहता है बल्कि इससे बचने के लिए ही सलाह देगा।
मध्यप्रदेश के सागर जिले में कुत्तों का आतंक, महज 20 दिनों में 900 से ज्यादा मामले आए सामने https://youtu.be/a1yPptUDMZ4?si=gomWTN_MsC7-Kc7